आप से रु-ब-रु

देश के मूर्धन्य संपादक, पत्रकार, साहित्यकार, लेखक वर्ग, हिन्दी प्रेमी, राष्ट्रवादी चिन्तक, राष्ट्रभक्त भारतीय और इन्टरनेट प्रयोग करनेवाले यूज़र्स …. मैं कोई पत्रकार, साहित्यकार, लेखक या चिन्तक तो हूँ नहीं . लेकिन राष्ट्रभक्त और हिन्दी भाषा प्रेमी ज़रूर हूँ.यही कारण हैं की मैंने अपना ब्लॉग हिन्दी मैं बनाया.
मैं तो समाज के आखरी पंक्ति का आखिरी व्यक्ति हूँ, परन्तु मुझमें भी कहने की ललक हैं. कुछ विपरीत देखकर अनेक लोगों तक अभिव्यक्त करने की छटपटाहट हैं.. इसके लिए मैंने ब्लॉग का माध्यम चुना ताकि आप जैसे मूर्धन्य व्यक्तियों को बता सकूं तथा लेखनी सुधार सकूं एवं आपकी टिपण्णी और सुझाव पाकर धन्य हो सकूं...
First

2 comments

This comment has been removed by the author.